पाल्लेकल। रविचन्द्र अश्विन (68 रन पर चार विकेट ) और मोहम्मद शमी (32 रन पर तीन विकेट) की शानदार गेंदबाजी की मदद से भारत ने तीसरे और अंतिम क्रिकेट टेस्ट के तीसरे दिन दूसरी पारी में श्रीलंका को 181 रन पर ढेर कर रिकॉर्ड जीत दर्ज की।

भारत ने अन्तिम टेस्ट मैच में पारी और 171 रन से जीत दर्ज कर विदेशी धरती पर पहली बार तीन मैचों की टेस्ट सीरीज के सभी मैचों में विजयी हासिल की। श्रीलंका की ओर से दिनेश चांदीमन ने 36, निरोशन डिकवेला ने 41 और कप्तान एंजेलो मैथ्यूज ने 35 रन का योगदान दिया। भारत की ओर से उमेश यादव ने भी दो और कुलदीप यादव ने एक विकेट लिया।

इससे पहले गाले में पहला टेस्ट 304 रन और कोलंबो मे दूसरा टेस्ट पारी और 54 रन से जीतने के बाद भारत ने शृंखला में 2-0 से बढ़त बनाई थी। इससे पहले श्रीलंका ने दिन की शुरुआत एक विकेट पर 19 रन से की। सुबह के सत्र में तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी ने तूफानी गेंदबाजी करते हुए दो जबकि रविचंद्रन अश्विन ने एक विकेट चटकाया।

अश्विन ने दिन के तीसरे ही ओवर में सलामी बल्लेबाज दिमुथ करणारत्ने (16) को पवेलियन भेजा। भारतीय ऑफ स्पिनर की अतिरिक्त उछाल लेती गेंद करणारत्ने के ग्लव्स को छूकर स्लिप में खड़े अजिंक्या रहाणे के पास गई जिन्होंने कैच लपकने में कोई गलती नहीं की।

शमी ने इसके बाद पारी के 21वें ओवर में रात्रि प्रहरी मलिंदा पुष्पकुमार (01) को विकेटकीपर रिद्धिमान साहा के हाथों कैच कराया और फिर अपने अगले ओवर में तेजी से अंदर की ओर स्विंग होती गेंद पर कुसल मेंडिस (12) को भी पगबाधा आउट किया। सुबह के सत्र में मेजबान टीम ने शुरुआत में 13 रन पर तीन विकेट चटकाए।

चांदीमल और मैथ्यूज ने इसके बाद पारी को संभाला। दोनों ने 26वें ओवर में टीम का स्कोर 50 रन के पार पहुंचाया। दोनों ने हालांकि अपनी पिछली रणनीतियों के विपरीत आक्रामक रूख नहीं अपनाने का फैसला किया।

उमेश यादव के पारी के 35वें ओवर में मैथ्यूज के खिलाफ विकेट के पीछे कैच की अपील हुई, लेकिन मैदानी अंपायर ने उन्हें नॉटआउट दिया। भारत ने डीआरएस का सहारा लिया, लेकिन तीसरे अंपायर ने टीवी रीप्ले देखने के बाद मैदानी अंपायर के फैसले को सही करार दिया।


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